📖 छंद (Chhand) – सम्पूर्ण नोट्स
🔹 छंद की परिभाषा (Definition of Chhand)
👉 छंद का अर्थ है नियमबद्धता, ताल और लय।
👉 कविता में जब शब्दों की विशिष्ट संख्या, मात्राओं और गणों के आधार पर एक विशेष लयबद्ध संरचना बनती है, तो उसे छंद कहते हैं।
👉 छंद का प्रयोग कविता, श्लोक, दोहे, चौपाइयों और गीतों में होता है।
📌 संस्कृत में छंद को “छन्दःशास्त्र” कहा जाता है, जो कविता की लय, प्रवाह और सौंदर्य को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण अंग है।
🔹 छंद के मुख्य घटक (Elements of Chhand)
📌 छंद की रचना निम्नलिखित आधारों पर होती है:
1️⃣ मात्राएँ (Matras) – हिंदी छंदों में मात्राओं की गणना होती है।
2️⃣ गण (Gana) – वर्णों के समूहों को गण कहा जाता है।
3️⃣ यति (Yati) – छंद में आने वाला ठहराव या विराम।
4️⃣ तुक (Tuk) – अंतिम शब्दों की ध्वनि समानता।
5️⃣ वृत्त (Vritt) – वर्णों और मात्राओं की नियमित व्यवस्था।
🔹 छंद के प्रकार (Types of Chhand)
📌 छंद मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:
| # | छंद का प्रकार | आधार |
|---|---|---|
| 1 | मात्रिक छंद | मात्राओं की संख्या पर आधारित |
| 2 | वार्णिक छंद | वर्णों की संख्या पर आधारित |
| 3 | गण वृत्त छंद | वर्णों के गणों की विशेष व्यवस्था पर आधारित |
🔹 मात्रिक छंद (Matric Chhand)
📌 मात्राओं की संख्या के आधार पर बनने वाले छंदों को “मात्रिक छंद” कहते हैं।
📌 इन छंदों में मात्रा गणना महत्वपूर्ण होती है लेकिन वर्णों की संख्या तय नहीं होती।
(A) दोहा (Doha)
✔ प्रत्येक पंक्ति में 24 मात्राएँ होती हैं।
✔ प्रत्येक पंक्ति को दो भागों में विभाजित किया जाता है (13-11 मात्राएँ)।
✅ उदाहरण:
“करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात ते, सिल पर पड़त निशान॥”
(B) चौपाई (Chaupai)
✔ प्रत्येक पंक्ति में 16 मात्राएँ होती हैं।
✔ तुकबंदी (राइमिंग) मिलाई जाती है।
✅ उदाहरण:
“मंगल भवन अमंगल हारी।
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी॥”
(C) सोरठा (Soratha)
✔ इसकी पंक्ति में 24 मात्राएँ होती हैं, लेकिन इसकी संरचना 11-13 होती है (दोहा के उलट)।
✅ उदाहरण:
“जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू।
सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू॥”
(D) रोला (Rola)
✔ इसकी प्रत्येक पंक्ति में 24 मात्राएँ होती हैं।
✔ मात्राओं का क्रम 11-13 होता है।
✅ उदाहरण:
“जैसे जग में जोगी, रमता वन वन जाय।
वैसे सतगुरु प्रेम से, नाम रूप समझाय॥”
🔹 वार्णिक छंद (Varnik Chhand)
📌 वर्णों की संख्या के आधार पर बनने वाले छंदों को “वार्णिक छंद” कहते हैं।
📌 इसमें मात्राओं की संख्या मायने नहीं रखती, केवल वर्ण गिने जाते हैं।
(A) शिखरिणी छंद (Shikharini Chhand)
✔ प्रत्येक पंक्ति में 17 वर्ण होते हैं।
✔ वर्णों का क्रम 2+2+2+2+2+2+3+2 होता है।
✅ उदाहरण:
“गिरि शिखर प्राय गौर, हिय महा सुखदाय।”
(B) वंशी छंद (Vanshi Chhand)
✔ प्रत्येक पंक्ति में 26 वर्ण होते हैं।
✔ वर्णों का क्रम 7+7+6+6 होता है।
✅ उदाहरण:
“सकल सुकृत फल चारि पदारथ, जो चाहो सो पाय।”
(C) हरिगीतिका छंद (Harigeetika Chhand)
✔ प्रत्येक पंक्ति में 28 वर्ण होते हैं।
✔ वर्णों का क्रम 7+7+7+7 होता है।
✅ उदाहरण:
“मधुर-मधुर मेरे जीवन में, गूँज रहे ये प्रेम सुरों के।”
🔹 गण वृत्त छंद (Gan Vritt Chhand)
📌 गणों (लघु-दीर्घ वर्णों) की विशेष संरचना पर आधारित छंदों को गण वृत्त छंद कहते हैं।
📌 प्रत्येक छंद की संरचना गणों से बनी होती है।
(A) मालिनी छंद (Malini Chhand)
✔ प्रत्येक पंक्ति में 15 वर्ण होते हैं।
✔ गणों का क्रम म य य म म य य म होता है।
✅ उदाहरण:
“प्रभु तुम्हारे प्रेम का, अनुभव निराला है।”
(B) मंद्राक्रांत छंद (Mandakranta Chhand)
✔ प्रत्येक पंक्ति में 17 वर्ण होते हैं।
✔ गणों का क्रम म य य म म य य म य य म म होता है।
✅ उदाहरण:
“वंदे मातरम्, सुजलाम् सुफलाम्।”
🔹 छंद के महत्व (Importance of Chhand)
✔ छंद कविता को लयबद्ध और सुंदर बनाते हैं।
✔ छंदों के माध्यम से कविता में प्रवाह और संगीतात्मकता आती है।
✔ संस्कृत, हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं की काव्य परंपरा छंदों पर आधारित है।
✔ छंद का सही प्रयोग कविता को यादगार और प्रभावशाली बनाता है।
📌 महत्वपूर्ण प्रश्न (Practice Questions)
1️⃣ दोहा और चौपाई छंद में क्या अंतर है?
2️⃣ वार्णिक और मात्रिक छंद की परिभाषा लिखिए।
3️⃣ सोरठा और रोला छंद के उदाहरण दीजिए।
4️⃣ गण वृत्त छंद किन गणों पर आधारित होते हैं?
5️⃣ हरिगीतिका छंद की विशेषताएँ लिखिए।
📌 निष्कर्ष (Conclusion)
✔ छंद कविता की आत्मा है और इसे लयबद्ध व प्रभावशाली बनाता है।
✔ विभिन्न प्रकार के छंदों का प्रयोग विभिन्न भावनाओं और संदर्भों के अनुसार किया जाता है।
✔ छंद शास्त्र का ज्ञान किसी भी कवि के लिए अनिवार्य है।
📌 अगर और उदाहरण या अभ्यास चाहिए, तो बताइए! 😊
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