मानव पाचन तंत्र (Human Digestive System) हमारे शरीर की वह प्रक्रिया है जो भोजन को छोटे, सरल और अवशोषण योग्य रूप में बदलती है, ताकि शरीर को ऊर्जा, वृद्धि तथा ऊतकों की मरम्मत के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो सकें। यह तंत्र कई अंगों से मिलकर बना है जो एक साथ काम करते हैं — मुख से लेकर गुदा (Anus) तक।
📖 परिभाषा
पाचन तंत्र वह तंत्र है जो भोजन को ग्रहण करने, पचाने, अवशोषित करने तथा अवांछित अंशों को बाहर निकालने का कार्य करता है।
⚙️ पाचन तंत्र के मुख्य कार्य
- भोजन ग्रहण (Ingestion) – भोजन को मुख द्वारा लेना।
- पाचन (Digestion) – भोजन को छोटे-छोटे भागों में तोड़ना (यांत्रिक व रासायनिक रूप से)।
- अवशोषण (Absorption) – पोषक तत्वों का आँतों की दीवार से रक्त में जाना।
- अभिशोषण (Assimilation) – अवशोषित पोषक तत्वों का कोशिकाओं द्वारा उपयोग।
- मलोत्सर्जन (Egestion) – अपचित भोजन का शरीर से बाहर निष्कासन।
📊 मानव पाचन तंत्र के अंगों की सारणी
| क्रम संख्या | अंग का नाम | मुख्य कार्य |
|---|---|---|
| 1 | मुख (Mouth) | भोजन का ग्रहण, चबाना तथा लार से मिलाना |
| 2 | लार ग्रंथियाँ (Salivary Glands) | लार का स्राव जिसमें सैलिवरी एमाइलेज एंजाइम होता है जो स्टार्च को तोड़ता है |
| 3 | ग्रसनी (Pharynx) | मुख को अन्ननली से जोड़ना; भोजन और वायु का मार्ग |
| 4 | अन्ननली (Esophagus) | भोजन को पेरिस्टाल्टिक गति से पेट तक पहुँचाना |
| 5 | आमाशय (Stomach) | HCl और पेप्सिन स्रावित करता है; प्रोटीन का आंशिक पाचन; भोजन काइम (Chyme) में बदलता है |
| 6 | यकृत (Liver) | पित्त रस (Bile) बनाता है जो वसा के पाचन में सहायक है; यह शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है |
| 7 | पित्ताशय (Gall Bladder) | पित्त रस का भंडारण और आवश्यकतानुसार स्राव |
| 8 | अग्न्याशय (Pancreas) | अग्न्याशयी रस का स्राव जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व वसा पचाने वाले एंजाइम होते हैं |
| 9 | छोटी आँत (Small Intestine) | भोजन का पूर्ण पाचन और पोषक तत्वों का अवशोषण; यहाँ विलायें (Villi) होती हैं |
| 10 | बड़ी आँत (Large Intestine) | जल और खनिज लवणों का अवशोषण; मल का निर्माण |
| 11 | मलाशय व गुदा (Rectum and Anus) | मल का संग्रहण और निष्कासन |

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🔬 पाचन की प्रक्रिया (Step-by-Step Process of Digestion)
1. मुख में पाचन
- भोजन को दाँतों द्वारा चबाया जाता है और लार (Saliva) से मिलाया जाता है।
- सैलिवरी एमाइलेज (Salivary Amylase) स्टार्च को माल्टोज़ (Maltose) में बदलता है।
- जीभ भोजन को मिलाने और निगलने में मदद करती है।
2. आहारनाल में पाचन
- यहाँ कोई पाचन नहीं होता।
- भोजन पेरिस्टाल्टिक गति से पेट की ओर बढ़ता है।
3. आमाशय में पाचन
- गैस्ट्रिक रस स्रावित होता है जिसमें:
- HCl – जीवाणुओं को मारता है और पेप्सिन को सक्रिय करता है।
- पेप्सिन – प्रोटीन को पेप्टोन में बदलता है।
- म्यूकस – पेट की दीवार को अम्ल से बचाता है।
- भोजन काइम (Chyme) बन जाता है।
4. छोटी आँत में पाचन
- यकृत से पित्त रस और अग्न्याशय से अग्न्याशयी रस आता है।
- पित्त रस (Bile) वसा को इमल्सीफाई करता है।
- अग्न्याशयी एंजाइम:
- ट्रिप्सिन → प्रोटीन पर कार्य करता है।
- एमाइलेज → स्टार्च पर कार्य करता है।
- लाइपेस → वसा पर कार्य करता है।
- आँत का रस (Intestinal Juice) पाचन को पूर्ण करता है।
- विलायें (Villi) पोषक तत्वों को रक्त में अवशोषित करती हैं।
5. बड़ी आँत में पाचन
- जल, खनिज और कुछ विटामिनों का अवशोषण होता है।
- शेष पदार्थ मल में परिवर्तित होकर गुदा द्वारा बाहर निकलता है।
🧾 मुख्य पाचक एंजाइम और उनके कार्य
| एंजाइम | स्रोत | कार्य | उत्पाद |
|---|---|---|---|
| सैलिवरी एमाइलेज | लार ग्रंथियाँ | स्टार्च → माल्टोज़ | माल्टोज़ |
| पेप्सिन | आमाशय | प्रोटीन → पेप्टोन | पेप्टोन |
| ट्रिप्सिन | अग्न्याशय | पेप्टोन → अमीनो अम्ल | अमीनो अम्ल |
| लाइपेस | अग्न्याशय | वसा → वसीय अम्ल + ग्लिसरॉल | सरल वसा |
| माल्टेज, सुक्रेज, लैक्टेज | छोटी आँत | डाइसैकराइड → मोनोसैकराइड | ग्लूकोज़, फ्रक्टोज़, गैलेक्टोज़ |
📚 बोर्ड परीक्षा के महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर
✳️ संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न
प्र.1. पाचन क्या है?
➡ भोजन को छोटे, सरल और अवशोषण योग्य रूप में बदलने की प्रक्रिया को पाचन कहते हैं।
प्र.2. मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि कौन-सी है?
➡ यकृत (Liver)।
प्र.3. पित्त रस का कार्य क्या है?
➡ पित्त रस वसा को इमल्सीफाई करता है तथा अम्ल को निष्क्रिय करता है।
प्र.4. विलायें (Villi) क्या हैं और इनका कार्य क्या है?
➡ ये छोटी आँत में स्थित सूक्ष्म अंग हैं जो अवशोषण क्षेत्रफल बढ़ाकर पोषक तत्वों को रक्त में भेजती हैं।
प्र.5. अग्न्याशयी रस में कौन-कौन से एंजाइम होते हैं?
➡ ट्रिप्सिन, एमाइलेज और लाइपेस।
✳️ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्र.1. मानव शरीर में भोजन के पाचन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
➡ भोजन मुख में ग्रहण कर चबाया जाता है और लार से मिलाया जाता है। फिर यह अन्ननली से होकर आमाशय में पहुँचता है, जहाँ प्रोटीन का आंशिक पाचन होता है। छोटी आँत में यकृत व अग्न्याशय के रस मिलकर भोजन का पूर्ण पाचन करते हैं। पोषक तत्व विलायों द्वारा रक्त में अवशोषित हो जाते हैं तथा अपचित अंश बड़ी आँत व गुदा से बाहर निकाल दिए जाते हैं।
प्र.2. पाचन में यकृत और अग्न्याशय की भूमिका समझाइए।
➡ यकृत पित्त रस बनाता है जो वसा को इमल्सीफाई करता है। अग्न्याशय अग्न्याशयी रस स्रावित करता है जिसमें ट्रिप्सिन, एमाइलेज, लाइपेस जैसे एंजाइम होते हैं जो प्रोटीन, स्टार्च और वसा को पचाते हैं।
प्र.3. मानव पोषण की पाँच अवस्थाएँ कौन-सी हैं?
➡ भोजन ग्रहण, पाचन, अवशोषण, अभिशोषण और मलोत्सर्जन।
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✳️ बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
- मुख में स्टार्च को तोड़ने वाला एंजाइम कौन-सा है?
a) पेप्सिन b) ट्रिप्सिन ✅ c) एमाइलेज d) लाइपेस - पित्त रस कहाँ संग्रहित होता है?
a) यकृत ✅ b) पित्ताशय c) अग्न्याशय d) आमाशय - प्रोटीन के पाचन का अंतिम उत्पाद क्या है?
a) ग्लूकोज़ b) वसीय अम्ल ✅ c) अमीनो अम्ल d) जल - शरीर का कौन-सा अंग जल को अवशोषित करता है?
a) आमाशय b) छोटी आँत ✅ c) बड़ी आँत d) मुख - छोटी आँत का कौन-सा भाग पोषक तत्वों का अधिकतम अवशोषण करता है?
✅ जेजुनम और इलियम (Jejunum and Ileum)
🧠 सामान्य ज्ञान व जागरूकता
- मानव आहार नली (Alimentary Canal) की कुल लंबाई लगभग 9 मीटर होती है।
- छोटी आँत की लंबाई लगभग 6 मीटर होती है।
- पाचन तंत्र एंजाइम, हार्मोन और तंत्रिकाओं की सहायता से नियंत्रित होता है।
- पाचन की प्रक्रिया की शुरुआत मुख में होती है, पेट में नहीं।
🌿 स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए सुझाव
- रेशेदार भोजन (Fiber Food) जैसे फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज खाएँ।
- पर्याप्त जल पिएँ ताकि पाचन सुचारु रहे।
- भोजन को ठीक से चबाएँ ताकि आमाशय पर बोझ न पड़े।
- अधिक भोजन या अनियमित भोजन से बचें।
- जंक फूड और तली चीज़ें कम करें।
- नियमित व्यायाम करें जिससे मेटाबॉलिज्म ठीक रहे।
- तनाव नियंत्रित रखें क्योंकि मानसिक तनाव भी पाचन को प्रभावित करता है।
- पर्याप्त नींद लें ताकि शरीर को पुनः ऊर्जा मिल सके।
- दही या प्रोबायोटिक पदार्थ खाएँ जिससे अच्छे जीवाणु बने रहें।
- धूम्रपान व शराब से बचें क्योंकि ये पाचन तंत्र को नुकसान पहुँचाते हैं।
📘 सारांश
- मानव पाचन तंत्र भोजन को ऊर्जा में बदलने वाली एक जटिल जैविक प्रक्रिया है।
- इसमें मुख, आमाशय, आँतें, यकृत, अग्न्याशय जैसे अंग मिलकर कार्य करते हैं।
- एंजाइम और रस भोजन के रासायनिक विघटन में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
- स्वस्थ पाचन के लिए संतुलित आहार, पानी, व्यायाम और मानसिक शांति आवश्यक हैं।


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