एक्रोसोम (Acrosome) – सम्पूर्ण बिंदुवार नोट्स (NCERT आधारित)

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एक्रोसोम मानव शरीर में शुक्राणु (Sperm) के सिर पर पाया जाने वाला टोपी जैसा (cap-like) अपवेष्टक है।
यह गोल्जी निकाय (Golgi Apparatus) से बनता है और इसमें ऐसे अपघटित एंज़ाइम (Hydrolytic Enzymes) होते हैं जो डिंब (Ovum/Egg) तक पहुँचने और उसमें प्रवेश करने में सहायता करते हैं।
मानव प्रजनन (Human Reproduction) के अध्याय में यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण शब्द है।


एक्रोसोम क्या है?

  • यह शुक्राणु शीर्ष (Sperm Head) के अग्रभाग पर स्थित एक झिल्ली-बंध थैली है।
  • इसका निर्माण गोल्जी निकाय से स्पर्मीजनन (Spermiogenesis) के समय होता है।
  • इसमें ऐसे एंज़ाइम पाए जाते हैं जो डिंब की लेयर (स्तरों) को भेदने में सहायता करते हैं।

तथ्य: एक्रोसोम शुक्राणु के सिर के लगभग 70% क्षेत्र को ढकता है।


एक्रोसोम की आवश्यकता क्यों पड़ती है?

  • डिंब के चारों ओर मौजूद आवरणों को भेदने के लिए।
  • शुक्राणु और डिंब के बीच पहचान (Recognition) के लिए।
  • सफल निषेचन (Fertilization) के लिए आवश्यक।
  • एक्रोसोम के बिना शुक्राणु डिंब तक कभी नहीं पहुँच सकता।

मुख्य संरचनात्मक विशेषताएँ

  • शुक्राणु के सिर की नोक पर स्थित।
  • झिल्ली-बंध (Membrane-bound) कैप।
  • अर्धचंद्राकार (Semi-lunar) आकार।
  • एंज़ाइमों से भरी एक थैली।

एक्रोसोम की दो झिल्लियाँ

  1. बाह्य एक्रोसोमीय झिल्ली (Outer Acrosomal Membrane)
  2. आन्तरिक एक्रोसोमीय झिल्ली (Inner Acrosomal Membrane)

दोनों झिल्लियाँ एक्रोसोम रिएक्शन के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

स्थिति

  • शुक्राणु के नाभिक (Nucleus) के ऊपर।
  • प्लाज़्मा झिल्ली (Plasma Membrane) के नीचे।

ये एंज़ाइम डिंब की बाहरी परतों को भेदने में सहायता करते हैं।

मुख्य एंज़ाइम

  • हायलूरोनिडेज़ (Hyaluronidase) – कोशिकाओं के बीच hyaluronic acid को तोड़ता है।
  • एक्रोसिन (Acrosin) – zona pellucida को पचाता है।
  • ज़ोना लाइसिन (Zona Lysin) – zona pellucida को भेदने में मदद करता है।
  • न्यूरामिनिडेज़ (Neuraminidase) – डिंब की सतह को संशोधित करता है।
  • प्रोटीएस (Proteases) – प्रोटीन परतों को तोड़ते हैं।

तथ्य: एक्रोसिन का कार्य trypsin जैसा होता है।


एक्रोसोम के कार्य (Functions of Acrosome)

  1. डिंब की परतों को पचाने वाले एंज़ाइमों का उत्सर्जन।
  2. शुक्राणु और डिंब के बीच पहचान कराने में मदद।
  3. कोरोना रेडियाटा (Corona Radiata) को पार करने में सहायता।
  4. ज़ोना पेलुसिडा (Zona Pellucida) को भेदने में मदद।
  5. निषेचन के लिए आवश्यक Acrosome Reaction को प्रारंभ करता है।
  6. Species-specific fertilization को सुनिश्चित करता है।

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एक्रोसोम रिएक्शन वह प्रक्रिया है जिसमें शुक्राणु एक्रोसोम से एंज़ाइम छोड़ता है, ताकि वह डिंब के आवरणों को पार कर सके।


एक्रोसोम रिएक्शन की चरणबद्ध प्रक्रिया

  1. शुक्राणु कोरोना रेडियाटा तक पहुँचता है।
  2. शुक्राणु डिंब के ZP3 Glycoprotein से बंधता है।
  3. एक्रोसोम की बाहरी झिल्ली प्लाज़्मा झिल्ली से फ्यूज़ होती है।
  4. एंज़ाइम बाहर निकलते हैं।
  5. शुक्राणु ज़ोना पेलुसिडा को पचाकर भीतर प्रवेश करता है।
  6. शुक्राणु परिविटेलाइन स्पेस तक पहुँचता है।
  7. शुक्राणु और डिंब की झिल्लियाँ आपस में फ्यूज़ हो जाती हैं।

एक्रोसोम रिएक्शन का महत्व

  • डिंब की परतों को भेदने में मदद।
  • सफल निषेचन संभव बनाता है।
  • बहु-शुक्राणु प्रवेश रोकता है (Polyspermy रोकने के लिए cortical reaction शुरू होता है)।

1. कोरोना रेडियाटा (Corona Radiata)

  • यह बाहरी कोशिका परत है।
  • हायलूरोनिडेज़ इसे ढीला कर देता है।

2. ज़ोना पेलुसिडा (Zona Pellucida)

  • ग्लाइकोप्रोटीन परत।
  • एक्रोसिन इसे तोड़ता है।

3. डिंब झिल्ली (Vitelline Membrane / Egg Membrane)

  • अंतिम फ्यूज़न इसी से होता है।

(स्पर्मीजनन के दौरान)

1. गोल्जी चरण (Golgi Phase)

  • गोल्जी निकाय छोटे-छोटे प्रो-एक्रोसोमल ग्रैन्यूल बनाता है।
  • ये मिलकर एक्रोसोम बनाते हैं।

2. कैप चरण (Cap Phase)

  • एक्रोसोम नाभिक पर टोपी की तरह फैल जाता है।

3. एक्रोसोम चरण (Acrosome Phase)

  • एक्रोसोम लंबा होता है।
  • नाभिक सघन और सुव्यवस्थित होता है।

4. परिपक्वता चरण (Maturation Phase)

  • पूंछ बनती है।
  • पूर्ण परिपक्व शुक्राणु बनता है।

इस स्थिति में शुक्राणु का सिर गोल होता है और एक्रोसोम विकसित नहीं होता।

परिणाम:

  • पूर्ण बांझपन (Infertility)
  • शुक्राणु डिंब की परतों को भेद नहीं पाता।
  • शुक्राणु की आकृति असामान्य (abnormal morphology) हो जाती है।

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एक्रोसोम और शुक्राणु सिर का अंतर

विशेषताएक्रोसोमशुक्राणु सिर
स्थानसिर के अग्रभाग परपूरा अग्रभाग
बनावटएंज़ाइम + झिल्लीनाभिक + एक्रोसोम
कार्यडिंब में प्रवेशआनुवंशिक सामग्री ले जाना
उत्पत्तिगोल्जी निकायस्पर्मीजनन

एक्रोसोमल कैप क्या है?

स्पर्मीजनन के कैप चरण में बनने वाला टोपी जैसा ढाँचा एक्रोसोमल कैप कहलाता है।
यह आगे चलकर पूर्ण एक्रोसोम में बदल जाता है।


  1. डिंब की सतह से पहचान (Recognition)
  2. एंज़ाइम रिलीज़
  3. ज़ोना पेलुसिडा का पाचन
  4. डिंब की झिल्ली से फ्यूज़न
  5. शुक्राणु और डिंब के नाभिक का संयोग (Syngamy)
  6. ज़ाइगोट का निर्माण

नहीं, एक्रोसोम लगभग सभी स्तनधारी (Mammals) के शुक्राणुओं में पाया जाता है।
उदाहरण:

  • मनुष्य
  • कुत्ता, बिल्ली
  • घोड़ा, गाय
  • बन्दर
  • चूहा
  • पक्षियों और सरीसृपों के शुक्राणुओं में भी एक्रोसोम होता है।

एक्रोसोम क्या है?

शुक्राणु के सिर पर स्थित एंज़ाइम-युक्त झिल्ली-बद्ध थैली।

एक्रोसोम का निर्माण किससे होता है?

गोल्जी निकाय से।

एक एंज़ाइम का नाम बताइए जो एक्रोसोम में होता है।

हायलूरोनिडेज़ / एक्रोसिन।

Acrosome Reaction क्या है?

शुक्राणु द्वारा डिंब की परतों को भेदने हेतु एंज़ाइम छोड़े जाने की प्रक्रिया।

Zona Pellucida को पचाने वाला एंज़ाइम कौन-सा है?

Acrosin।


एक्रोसोम कहाँ स्थित होता है?

शुक्राणु के सिर के अग्र भाग पर।

एक्रोसोम का प्रमुख कार्य क्या है?

डिंब की सुरक्षा परतों को भेदने में सहायता।

एक्रोसोम रिएक्शन किसके कारण शुरू होता है?

शुक्राणु का ZP3 से बंधना।

एक्रोसोम किस अंगक (Organelle) से बनता है?

गोल्जी निकाय (Golgi Apparatus) से।

एक्रोसोम में कौन-कौन से एंज़ाइम पाए जाते हैं?

Hyaluronidase, Acrosin, Proteases।

यदि एक्रोसोम न हो तो क्या होगा?

निषेचन असम्भव हो जाएगा।


निष्कर्ष

एक्रोसोम शुक्राणु का एक छोटा लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है, क्योंकि बिना इसके डिंब में प्रवेश संभव नहीं है। यह गोल्जी निकाय से बनता है और इसमें ऐसे एंज़ाइम होते हैं जो corona radiata और zona pellucida जैसी परतों को भेदने में सहायता करते हैं।
Acrosome Reaction के बिना निषेचन असम्भव है, इसलिए प्रजनन अध्याय में इसकी भूमिका केंद्रीय है।

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