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छत्तीसगढ़ के सभी जिले और उनके जिला मुख्यालय (हेड ऑफिस)
क्रमांक
जिला
जिला मुख्यालय (हेड ऑफिस)
1
बलौदाबाजार
बलौदाबाजार
2
बलरामपुर
बलरामपुर
3
बस्तर
जगदलपुर
4
बेमेतरा
बेमेतरा
5
बीजापुर
बीजापुर
6
बिलासपुर
बिलासपुर
7
दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा
8
धमतरी
धमतरी
9
दुर्ग
दुर्ग
10
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही
गौरेला
11
गरियाबंद
गरियाबंद
12
जांजगीर-चांपा
जांजगीर
13
जशपुर
जशपुरनगर
14
कबीरधाम
कवर्धा
15
कांकेर
कांकेर
16
कोरिया
बैकुंठपुर
17
कोरबा
कोरबा
18
महासमुंद
महासमुंद
19
मुंगेली
मुंगेली
20
नारायणपुर
नारायणपुर
21
रायगढ़
रायगढ़
22
रायपुर
रायपुर
23
राजनांदगांव
राजनांदगांव
24
सुकमा
सुकमा
25
सूरजपुर
सूरजपुर
26
सरगुजा
अंबिकापुर
छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियाँ, उनके स्रोत, सहायक नदियाँ, उपनदियाँ और संगम स्थल
नदी का नाम
स्रोत (उद्गम स्थल)
मुख्य सहायक नदियाँ
उपनदियाँ
संगम स्थल
महानदी
सिहावा पर्वत, धमतरी
शिवनाथ, जोंक, मंद, हसदो, अरपा, लीलागर
पैरी, खारून
ओडिशा में बंगाल की खाड़ी
शिवनाथ
पंडरिया, कबीरधाम
खारून, हाफ, जमनी, मनियारी
अमने, मुर्रा
महानदी में, श्यामनगर (धमतरी)
हसदो
सोनहत, कोरिया
गजरा, तान, जोगा
अहिरन, चोरनई
महानदी में, महासमुंद
अरपा
पेंड्रा, बिलासपुर
लीलागर
—
महानदी में, बिलासपुर
इंद्रावती
कोटरी, बस्तर
नारंगी, भूषण, कोलाब
शबरी, पोड़ागुड़ा
गोदावरी में, आंध्र प्रदेश
शबरी
डोंगरगांव, बस्तर
नंदिनी, सिलगती
केलाबाड़ी, बोराई
गोदावरी में, आंध्र प्रदेश
खारून
सिंहनदी, रायपुर
खनौरा, आमने
पर्री, खुटेरी
शिवनाथ में, रायपुर
जोंक
महादेव डोंगरी, महासमुंद
—
सोंढूर, लात
महानदी में, ओडिशा
मांड
कोरिया
—
लीलागर, खारून
महानदी में, महासमुंद
पैरी
गढ़बेंगाल पहाड़, गरियाबंद
—
—
महानदी में, धमतरी
सोंढूर
गरियाबंद
—
—
महानदी में, ओडिशा
रेणुका
कबीरधाम
—
—
शिवनाथ में, कवर्धा
मनियारी
कबीरधाम
—
—
शिवनाथ में, मुंगेली
सकरी
अंबिकापुर
—
—
महानदी में, सरगुजा
लीलागर
कोरिया
अरपा
—
महानदी में, रायगढ़
छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्वत, पहाड़ एवं उच्चावच क्षेत्र
पहाड़ी / चोटी
ऊँचाई (मीटर में)
स्थित क्षेत्र / जिला
मुख्य खनिज
मुख्य वनस्पति
गौरलाटा
1225
सामरीपाट (बलरामपुर)
कोयला, बॉक्साइट
साल, महुआ, तेंदू
नन्दीराज
1210
बैलाडीला (दंतेवाड़ा)
लौह अयस्क
साल, बांस, चार
बदरगढ़
1176
मैकल श्रेणी (कवर्धा)
बॉक्साइट, डोलोमाइट
साल, सागौन, बांस
मैनपाट
1152
सरगुजा
बॉक्साइट, कोयला
साल, महुआ, बेल
पलमागढ़ की चोटी
1080
पेंड्रा-लोरमी पठार
ग्रेनाइट, चूना पत्थर
साल, महुआ, अर्जुन
अबूझमाड़ की पहाड़ी
1076
नारायणपुर
लौह अयस्क, मैंगनीज
साल, बांस, तेंदू
लाफागढ़ की चोटी
1048
पेंड्रा-लोरमी पठार (कोरबा)
बॉक्साइट, चूना पत्थर
साल, बेल, तेंदू
जारंग पाट
1045
बलरामपुर
कोयला
साल, महुआ, चार
देवगढ़ चोटी
1033
कोरिया
कोयला, लौह अयस्क
साल, महुआ, तेंदू
चागभखार की पहाड़ी
—
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर
कोयला
साल, बेल, अर्जुन
धारी डोंगरी (शिशुपाल पर्वत)
899
महासमुंद
ग्रेनाइट, चूना पत्थर
साल, तेंदू, बांस
पेंड्रा-लोरमी का पठार
800
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही
बॉक्साइट, ग्रेनाइट
साल, महुआ, अर्जुन
दलहा पहाड़
760
अकलतरा (जांजगीर-चांपा)
चूना पत्थर, डोलोमाइट
साल, बांस, तेंदू
डोंगरगढ़ की पहाड़ी
704
मैकल श्रेणी (राजनांदगांव)
लौह अयस्क
साल, बेल, महुआ
दल्लीराजहरा
700
बालोद
लौह अयस्क
साल, तेंदू, अर्जुन
छुरी-उदयपुर की पहाड़ी
—
कोरबा, सरगुजा, रायगढ़
कोयला, बॉक्साइट
साल, बेल, महुआ
जशपुर पाट
—
जशपुर
बॉक्साइट
साल, तेंदू, महुआ
रामगढ़ की पहाड़ी
—
सरगुजा
चूना पत्थर
साल, बेल, अर्जुन
कैमूर पर्वत
—
कोरिया
कोयला
साल, महुआ, बेल
सिहावा पर्वत
—
धमतरी
चूना पत्थर, ग्रेनाइट
साल, बांस, बेल
आरी डोंगरी
—
भानुप्रतापपुर (कांकेर)
मैंगनीज, लौह अयस्क
साल, बांस, तेंदू
गढ़िया पहाड़
—
कांकेर
लौह अयस्क, डोलोमाइट
साल, महुआ, चार
कुलहारी पहाड़ी
—
राजनांदगांव
ग्रेनाइट, डोलोमाइट
साल, बेल, अर्जुन
बड़े डोंगर
—
कोंडागांव
लौह अयस्क
साल, बांस, महुआ
छोटे डोंगर
—
नारायणपुर
मैंगनीज, लौह अयस्क
साल, बेल, तेंदू
अलबका की पहाड़ी
—
बीजापुर
लौह अयस्क, ग्रेनाइट
साल, महुआ, बेल
सीता लेखनी की पहाड़ी
—
सूरजपुर
चूना पत्थर
साल, बांस, अर्जुन
छाता पहाड़ी
—
बलौदाबाजार
ग्रेनाइट, डोलोमाइट
साल, बेल, महुआ
मधेश्वर पहाड़
—
जशपुर
बॉक्साइट
साल, बेल, अर्जुन
बिजौरा पहाड़
—
कोरबा
कोयला, चूना पत्थर
साल, बांस, महुआ
आवापल्ली पहाड़
—
बीजापुर
लौह अयस्क
साल, बेल, तेंदू
नडापल्ली पहाड़
—
बीजापुर
मैंगनीज, ग्रेनाइट
साल, महुआ, बेल
लंकापल्ली पहाड़
—
बीजापुर
लौह अयस्क
साल, बेल, अर्जुन
गोलापल्ली पहाड़
—
सुकमा
लौह अयस्क
साल, महुआ, तेंदू
चैतुरगढ़ की पहाड़ी
—
कोरबा
चूना पत्थर, बॉक्साइट
साल, बेल, अर्जुन
सोनबेरा की पहाड़ी
—
गरियाबंद, महासमुंद
ग्रेनाइट, चूना पत्थर
साल, बांस, महुआ
कका पहाड़
—
रतनपुर
चूना पत्थर, बॉक्साइट
साल, बेल, अर्जुन
महामाया पहाड़ी
—
सरगुजा
ग्रेनाइट, बॉक्साइट
साल, महुआ, बेल
मेचका पहाड़
—
धमतरी
ग्रेनाइट, डोलोमाइट
साल, बांस, बेल
मुख्य विशेषताएँ
✅ खनिज संसाधनों से भरपूर क्षेत्र – लौह अयस्क, बॉक्साइट, कोयला, डोलोमाइट, चूना पत्थर मुख्य रूप से पाए जाते हैं। ✅ वनस्पति की विविधता – साल, सागौन, महुआ, तेंदू, बेल, अर्जुन जैसे महत्वपूर्ण वृक्ष मिलते हैं। ✅ प्राकृतिक सौंदर्य एवं पर्यावरणीय महत्व – बस्तर, सरगुजा, कांकेर, धमतरी, राजनांदगांव जैसी पहाड़ियों में गुफाएँ, जलप्रपात और जैव विविधता का खजाना है। ✅ पर्यटन और ऐतिहासिक स्थल – रामगढ़ (नाट्यशाला), चैतुरगढ़ (दुर्ग), सिहावा (महानदी उद्गम), डोंगरगढ़ (माँ बम्लेश्वरी मंदिर), बैलाडीला (खनन क्षेत्र) आदि।
यह रहा आपकी जानकारी के आधार पर एक सुव्यवस्थित तालिका:
✅ जैव विविधता से भरपूर – अभ्यारण्यों में बाघ, तेंदुआ, जंगली भैंसा, भालू, चीतल, नीलगाय, गौर, सांभर, बाइसन आदि पाए जाते हैं। ✅ वनस्पति संपदा – साल, सागौन, तेंदू, महुआ, बेल, अर्जुन, बांस जैसे महत्वपूर्ण वृक्ष मौजूद हैं। ✅ पर्यटन एवं वन्यजीव संरक्षण – अचानकमार टाइगर रिज़र्व और सीतानदी-उदयन्ती टाइगर रिज़र्व विशेष संरक्षण क्षेत्र हैं। ✅ आदिवासी संस्कृति से जुड़ाव – बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के अभ्यारण्य गोंड और अन्य आदिवासी समूहों की पारंपरिक जीवनशैली और संस्कृति से जुड़े हैं।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोक वाद्ययंत्र
वाद्ययंत्र
विवरण
मांदर
लकड़ी के खोखले भाग में दोनों तरफ बकरे का चमड़ा चढ़ाकर बनाया जाता है। जनजातीय गीतों, नृत्यों और माता सेवा गीतों में प्रयोग होता है।
दफड़ा / चांग
लकड़ी के गोलाकार व्यास में चमड़े से बना वाद्ययंत्र, जिसे वादक कंधे पर लटकाकर बजाता है।
नगाड़ा
होली के अवसर पर फाग गीतों के साथ बजाया जाता है, लकड़ी के डंडे से बजाया जाता है।
गुदुम (सींग बाजा)
इसमें बारहसिंगा का सींग लगा होता है, गंड़वा बाजा साज का प्रमुख वाद्ययंत्र है।
झांझ व मंजीरा
मांदर के साथ बजाया जाने वाला एक बड़े स्वरूप का मंजीरा।
बीन
सपेरों द्वारा साँप पकड़ने और तमाशा दिखाने के लिए प्रयुक्त वाद्ययंत्र।
ताशा
प्रदेश के मुस्लिम समाज में प्रचलित प्रसिद्ध वाद्ययंत्र।
अलगोजा
बांस से बना बांसुरीनुमा वाद्ययंत्र, जिसके दो मुख होते हैं और इन्हें एक साथ हवा फूंककर बजाया जाता है।
मोहरी
शहनाई का प्रादेशिक रूप, गंड़वा बाजा का अभिन्न अंग, मुख्यतः विवाह समारोहों में प्रयोग किया जाता है।
खड़ताल
पंडवानी गायन में प्रयुक्त होने वाला प्रमुख वाद्ययंत्र, जिसे हाथ की उंगलियों में फंसा कर बजाया जाता है।
इकतारा
भरथरी गीतों के समय प्रयुक्त होने वाला एकतारा वाद्ययंत्र।
बांसुरी
खोखले बांस से बना, सभी लोक गीतों में प्रयुक्त होने वाला फूंककर बजाया जाने वाला वाद्ययंत्र।
ढोलक
मंदिरों में भजन-कीर्तन जैसे धार्मिक आयोजनों में प्रयुक्त होने वाला वाद्ययंत्र।
खंजरी
टिन के गोलाकार पतरे पर चमड़ा या झिल्ली मढ़कर बनाया जाता है, जिसमें 3-4 जोड़ी झांझ लगी होती हैं। हाथ से थाप और हिलाकर बजाया जाता है।
टिमटिमी
लकड़ी के खोखले भाग पर चमड़े की परत बांधकर बनाया जाता है, होली और विवाह समारोहों में प्रयोग किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में लोक – चित्रकला | Chhattisgarh me Chitrakala | Folk Painting in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ राज्य में विशेष अवसर पर भिन्न-भिन्न प्रकार के चित्र बनाए जाते हैं। जैसे – चौक पूरना, गोबर चित्रकारी, आठे कन्हैया, गोदना आदि। छत्तीसगढ़ राज्य में निम्नलिखित लोक – चित्रकला प्रचलित है –
छत्तीसगढ़ की प्रमुख लोक-चित्रकलाएँ एवं चित्रकार
लोक-चित्रकला
विवरण
चौक पुरना
चावल के आटे से बेल-बूटे और पदचिन्हों के चित्र, विशेषतः आनुष्ठानिक अवसरों पर। वर्तमान में रंगोली का प्रचलन बढ़ा।
गोबर चित्रकारी
दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा पर, धन-धान्य की समृद्धि के लिए धान की कोठी पर बनाई जाती है।
सवनाही
हरेली पर्व पर मुख्य द्वार की दीवारों पर गोबर से चित्रांकन।
हरतालिका
तीजा पर्व पर शिव-पार्वती की पूजा हेतु चित्रांकन।
बालपुर चित्रकला
चितेर जनजाति द्वारा पौराणिक चित्रों का निर्माण।
आठे कन्हैया
जन्माष्टमी पर्व पर घर की दीवारों पर 8 पुतलियाँ बनाकर पूजा-अर्चना की जाती है।
नोहडोरा (उद्रेखण कला)
नए घर में प्रवेश से पूर्व मिट्टी से दीवारों पर कलात्मक चित्रांकन, वर्षों तक टिकाऊ।
पिथौरा चित्रकला
भील जनजाति द्वारा निर्मित, मध्यप्रदेश के पिथौरा क्षेत्र से उद्गम, दीवारों, कागजों, कपड़ों पर चित्रांकन।
नारदशिल्प
चित्रांकन में चिड़िया, सांप, हाथी, घोड़े आदि के चित्र बनाए जाते हैं।
चित्र (त्यौहार एवं विवाह चित्रांकन)
दीवारों व मिट्टी के बर्तनों पर चित्रांकन, विशेषतः आदिवासी समुदाय में।
गोदना (टैटू कला)
महिलाओं में प्रिय, हाथ, पैर, ठोड़ी पर गोदना गोदवाने की परंपरा। बैगा जनजाति सबसे अधिक प्रिय मानती है, कमार जनजाति सर्वाधिक गोदना गोदवाने वाली है। गोदना बनाने वाले समुदाय – ओझा, कुंजर, बंजारा।
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध चित्रकार
चित्रकार
विवरण
गणेश राम मिश्र
रायपुर के प्रसिद्ध चित्रकार, जिनके चित्र माधुरी व शारदा पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। उनकी कला में आचार्य नंदलाल बसु की शैली का प्रभाव था।
लक्ष्मीनारायण पचौरी
धमतरी के चित्रकार, 1966 में शांति निकेतन से शिक्षा प्राप्त की। आचार्य नंदलाल बसु की शैली से प्रभावित।
अन्य चित्रकार
कल्याण प्रसाद शर्मा, ए.के. मुखर्जी, निरंजन महावर, ए.के. दानी।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख आभूषण के नाम | Chhattisgarh Ke Pramukh Abhushan
• शुक्ल पक्ष नवमी – रामनवमी • सरगुजा में सरहुल एवं बस्तर में माटी त्यौहार • गोबर बोहरानी • चैतरई पर्व
बैसाख
• शुक्ल पक्ष तृतीया – अक्ति / अक्षय तृतीया • पुतरा – पुतरी विवाह • किसानों द्वारा बीज बोआई का शुभारंभ
ज्येष्ठ / जेठ
• शुक्ल पक्ष दशमी – गंगा दशहरा • बस्तर में भीमा जात्रा (भीमादेव/इंद्र की पूजा) • मामा अपने भांजे को दान करते हैं।
आषाढ़
• शुक्ल पक्ष द्वितीय – रथ यात्रा (रथ द्वितीया) • गोंचा पर्व (जगदलपुर) • बीज बोहनी पर्व (कोरवा जनजाति)
सावन / श्रावण
• अमावस्या – हरेली • शुक्ल पक्ष पंचमी – नागपंचमी • शुक्ल पक्ष नवमी से पूर्णिमा – कजरी त्यौहार • पूर्णिमा – रक्षाबंधन
भादो / भाद्रपद
• कृष्ण पक्ष प्रथमा – भोजली विसर्जन • कृष्ण पक्ष चतुर्थी – बहुरा चौथ • कृष्ण पक्ष षष्ठी – हलषष्ठी / कमरछठ • कृष्ण पक्ष अष्टमी – जन्माष्टमी • अमावस्या – पोला • शुक्ल पक्ष तृतीया – हरितालिका • शुक्ल पक्ष चतुर्थी – गणेश चतुर्थी • शुक्ल पक्ष पंचमी – ऋषि पंचमी • शुक्ल पक्ष सप्तमी – संतान साते • पूर्णिमा – नवाखाई (नवाखाना)
कुंवार / आश्विन
• कृष्ण पक्ष – पितर पक्ष • शुक्ल पक्ष प्रथमा से नवमी – नवरात्रि • शुक्ल पक्ष दशमी – दशहरा / विजया दशमी • पूर्णिमा – शरद पूर्णिमा • कोरा पर्व (कोरवा जनजाति)
कार्तिक
• कृष्ण पक्ष तेरस – धनतेरस • कृष्ण पक्ष चतुर्दशी – नरक चौदस • अमावस्या – दीपावली (देवारी) • शुक्ल पक्ष प्रथमा – गोवर्धन पूजा • शुक्ल पक्ष द्वितीया – भाई दूज • शुक्ल पक्ष नवमी – आंवला पूजा • शुक्ल पक्ष एकादशी – देवउठनी एकादशी (जेठउनी) • मातर त्यौहार (यादव समुदाय) • गौरा-गौरी पर्व (दीपावली के समय)
अघ्घन / मार्गशीर्ष
• प्रत्येक गुरुवार – लक्ष्मी पूजा
पूस / पौष
• शुक्ल पक्ष एकादशी – बड़े भजन का रामनामी मेला • शुक्ल पक्ष षष्ठी – मकर संक्रांति • पूर्णिमा – छेर-छेरा
माघ
• शुक्ल पक्ष पंचमी – बसंत पंचमी • पूर्णिमा – माघी पूर्णिमा • धेरसा पर्व (कोरवा जनजाति)
फाल्गुन / फागुन
• कृष्ण पक्ष त्रयोदशी – महाशिवरात्रि • पूर्णिमा – होलिका दहन • मेघनाथ पर्व (गोंड़ जनजाति)
छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल
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