परिचय:
हिन्दी व्याकरण में ‘अव्यय’ वह शब्द होते हैं जिनमें रूप परिवर्तन नहीं होता, अर्थात् उनका कोई वचन, लिंग या काल परिवर्तन नहीं होता। अव्यय के कई प्रकार होते हैं, उनमें से एक है संबंधबोधक अव्यय।
संबंधबोधक अव्यय (Prepositions) ऐसे अव्यय होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम के साथ संबंध स्थापित करते हैं। यह शब्द वाक्य में दो या अधिक शब्दों के बीच संबंध को स्पष्ट करते हैं। उदाहरण के लिए, “राम के पास किताब है।” इस वाक्य में ‘के पास’ संबंधबोधक अव्यय है, जो राम और किताब के बीच संबंध को दर्शाता है।
संबंधबोधक अव्ययों के प्रकार:
संबंधबोधक अव्यय हिंदी भाषा में मुख्यतः निम्नलिखित होते हैं:
- के, की, का
यह अव्यय किसी वस्तु या व्यक्ति के स्वामित्व को दर्शाने के लिए प्रयोग होते हैं।
उदाहरण:- यह किताब राम की है।
- वह कलम रीमा का है।
- से
यह अव्यय किसी स्थान, समय, व्यक्ति, या वस्तु से संबंधित होता है।
उदाहरण:- मैं दिल्ली से हूँ।
- वह बाजार से सामान लाया।
- पर
यह किसी वस्तु के ऊपर होने का संकेत देता है।
उदाहरण:- किताब मेज पर रखी है।
- पंखा छत पर लगा है।
- के लिए
यह अव्यय उद्देश्य या कारण को दर्शाने के लिए प्रयोग होता है।
उदाहरण:- यह किताब पढ़ने के लिए है।
- मैं तुम्हारे लिए इंतजार कर रहा हूँ।
- के साथ
यह किसी के साथ होने या मिलकर कुछ करने का भाव प्रकट करता है।
उदाहरण:- वह अपने दोस्त के साथ स्कूल गया।
- उसने चाय के साथ बिस्किट खाए।
- में
यह किसी वस्तु या व्यक्ति के भीतर होने का संकेत देता है।
उदाहरण:- पानी ग्लास में है।
- वह कमरे में बैठा है।
- के बिना
यह किसी कार्य या स्थिति के बिना होने का संकेत देता है।
उदाहरण:- वह मेरे बिना चला गया।
- मैंने बिना कुछ कहे काम किया।
उदाहरण वाक्य:
- मोहन के साथ बाजार गया।
- पुस्तकें अलमारी में रखी हैं।
- सूरज के बिना जीवन असंभव है।
- वह स्कूल के लिए तैयार हो रहा है।
- मैंने तुम्हारे लिए यह उपहार खरीदा है।
अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1: नीचे दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित संबंधबोधक अव्ययों से करें:
- वह मेरे घर ______ आया।
- चिड़िया पेड़ ______ बैठी है।
- राम सुबह स्कूल ______ जाता है।
- माँ बाजार ______ सब्जी खरीदने गई है।
- सुरेश तुम्हारे ______ खेलने आ रहा है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित वाक्यों में से संबंधबोधक अव्यय छाँटकर लिखें:
- मैंने तुम्हारे लिए यह पत्र लिखा है।
- मीना के बिना मैं कभी स्कूल नहीं गया।
- यह गाड़ी मोहन के पिता की है।
- वह जल्दी में बाहर चला गया।
- वह किताब के साथ कागज भी लाया है।
निष्कर्ष:
संबंधबोधक अव्यय हिंदी वाक्यों में संज्ञा और सर्वनाम के बीच स्पष्टता से संबंध स्थापित करने का कार्य करते हैं। इन अव्ययों का सही प्रयोग करके हम अपने विचारों को बेहतर ढंग से व्यक्त कर सकते हैं। इसलिए, छात्रों को इनका सही ढंग से अध्ययन करना और वाक्यों में इनका उचित प्रयोग करना आना चाहिए।


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