हिन्दी दिवस : इतिहास, महत्व और हिन्दी भाषा का गौरव
✨ हिन्दी दिवस का इतिहास
14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने हिन्दी को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया। इस यादगार दिन को सदा जीवित रखने के लिए 1953 से हर साल 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है।
✨ हिन्दी दिवस का महत्व
- हिन्दी हमारी पहचान और संस्कृति का प्रतीक है।
- यह भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
- विद्यार्थियों के लिए यह दिन हिन्दी पढ़ने और लिखने में रुचि और गर्व जगाने का अवसर है।
- सरकारी कामकाज और प्रशासन में हिन्दी का प्रचार बढ़ाना इसका मुख्य उद्देश्य है।
✨ हिन्दी दिवस का मुख्य उद्देश्य
- हिन्दी भाषा को बढ़ावा देना।
- विद्यार्थियों और जनता में मातृभाषा के प्रति गर्व जगाना।
- हिन्दी का तकनीकी और वैश्विक स्तर पर प्रयोग बढ़ाना।
- हिन्दी साहित्य, कविता और लेखन को सम्मान देना।
✨ विश्व हिन्दी दिवस
- तारीख: 10 जनवरी
- पहली बार: 1975 में नागपुर (भारत) में विश्व हिन्दी सम्मेलन हुआ।
- उद्देश्य: हिन्दी को वैश्विक भाषा के रूप में स्थापित करना।
🌼 हिन्दी दिवस से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1. 14 सितम्बर को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
👉 क्योंकि 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा घोषित किया गया।
Q2. हिन्दी दिवस का जनक कौन है?
👉 राजेन्द्र सिंह बिहारी को “हिन्दी दिवस का जनक” माना जाता है।
Q3. हिन्दी भाषा का नाम हिन्दी क्यों पड़ा?
👉 “हिन्दी” शब्द फारसी शब्द हिन्द से बना है, जिसका अर्थ है – सिंधु नदी के पार रहने वाले लोग।
Q4. हिन्दी के पिता कौन माने जाते हैं?
👉 आधुनिक हिन्दी साहित्य के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र हैं।
Q5. हिन्दी दिवस पर दो शब्द क्या कहे जाते हैं?
👉 “हिन्दी हमारी शान है” और “हिन्दी से है पहचान”।
Q6. विश्व हिन्दी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
👉 10 जनवरी को, ताकि हिन्दी का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में हो।
✍️ विद्यार्थियों के लिए गतिविधियाँ
- निबंध लेखन प्रतियोगिता – “हिन्दी का महत्व”
- कविता लेखन/पाठ – हिन्दी भाषा पर अपनी रचना सुनाएँ
- भाषण प्रतियोगिता – “हिन्दी : हमारी संस्कृति और पहचान”
- पोस्टर/स्लोगन प्रतियोगिता – हिन्दी दिवस पर आकर्षक पोस्टर बनाना
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🌺 हिन्दी दिवस पर प्रेरणादायक पंक्तियाँ
- हिन्दी से है हिन्दुस्तान की पहचान,
मिटे न इसका गौरव, रहे सदा इसका मान। - भाषाओं में रानी है, सबकी यह कहानी है,
हिन्दी से भारत की, हर सांस जुबानी है।
🏆 निष्कर्ष
हिन्दी दिवस हमें याद दिलाता है कि भाषा केवल संवाद का साधन नहीं, बल्कि संस्कृति और आत्मा का दर्पण है।
विद्यार्थियों, शिक्षकों और समाज को मिलकर हिन्दी के प्रचार-प्रसार में योगदान देना चाहिए।
आज समय है कि हम हिन्दी को तकनीक, शिक्षा और वैश्विक मंचों पर और आगे ले जाएँ।
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